कुमला हैरिस की यहूदी बेटी ग़ज़ा के बच्चों के लिए अतयात मुहिम में शरीक रही
वाशिंगटन 23؍ जुलाई । ग़ज़ा की पट्टी में हम्मास के ख़िलाफ़ इसराईली जंग के आग़ाज़ के बाद गुज़शता बरस नवंबर में25 साला अमरीकी फ़ैशन मॉडलElla Emhoff ने ग़ज़ा की पट्टी के बच्चों के लिए अतयात जमा करने की मुहिम शुरू की। ये मुहिमInstagram एकाऊंट के ज़रीये मुतआरिफ़ कराई गई जहां इलाके फालोवर की तादाद3.14 लाख से ज़्यादा है। ईला भी अपने वकील वालिदDouglas Emhoff की तरह यहूदी मज़हब से ताल्लुक़ रखती है। डगलस2014 से अब तक अमरीकी नायब सदर कुमला हैरिस के शौहर हैं। इस से क़बल डगलस की शादी एक अमरीकी ख़ातून फ़िल्म प्रोडयूसर से हुई थी। इस ख़ातून से ईला और इस की बहन पैदा हुईं। डगलस और उन बच्चीयों की माँ के दरमयान2008 मैं तलाक़ हो गई थी
इलाक़ा क़ायम करदा ”फ़लस्तीनी बच्चों का इमदादी फ़ंड’ एक ग़ैर मुनाफ़ा बख़श तंज़ीम है जिसका सदर दफ़्तर अमरीकी रियासत ओहाईव में है। पहले मरहले में इस फ़ंड ने79 लाख डालर इकट्ठा कर लिए जब कि इस मुहिम का हदफ़1 करोड़ डालर था
अमरीकी अख़बार न्यूयार्क पोस्ट के मुताबिक़ ईला कहती है कि उसे ये महसूस नहीं होता कि वो यहूदी है। बादअज़ां इस अमरीकी फ़ैशन मॉडल ने फ़ंड का हदफ़2 करोड़ डालर तक बढ़ा दिया जब कि फ़ंड का हुजम1.9 करोड़ डालर तक पहुंच चुका है
दूसरी जानिब कांग्रेस के रिपब्लिकन रुकन जीफ़ वैन डरो ने कुमला हैरिस के शौहर की बेटी को कड़ी तन्क़ीद का निशाना बनाया है। उनका कहना है कि फ़ंड के तहत जमा होने वाली रक़म तक़रीबन यक़ीनी तौर पर हम्मास तंज़ीम इस्तिमाल में लाएगी। वैन डरो के मुताबिक़ ये इंतिहाई तशवीशनाक बात है
याद रहे कि3 साल क़बल20 मई2021 को कुमला हैरिस की भांजीMeena Harris ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर जारी की थी। इस का मक़सद मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस के इलाक़े उल-शेख़ जर्राह के मकीनों के साथ इज़हार-ए-यकजहती था। मीना ने फ़लस्तीनीयों को दरपेश ज़ुलम की मुज़म्मत भी की थी। मीना ने लिखा कि ”मैं उल-शेख़ जर्राह के रहने वाले फ़लस्तीनीयों के साथ यकजहती का इज़हार करती हूँ.. फ़लस्तीनीयों के ख़िलाफ़ ज़ुलम को नज़रअंदाज कर के कोई इन्सान नसली मुसावात, औरतों के हुक़ूक़, फ़ासिद निज़ाम और दीगर मज़ालिम की मुज़म्मत का दावा नहीं कर सकता”
इसी तरह अमरीकी रोक बैंडRage Against the Machine ने मक़बूज़ा अराज़ी में फ़लस्तीनीयों के ख़िलाफ़ सराईल के जराइम की मुज़म्मत की थी। बैंड ने ट्वीटर पर दो ट्वीट्स में लिखा था कि ”उल-शेख़ जर्राह, मस्जिद उकसा और ग़ज़ा में देखे जाने वाला शर्मनाक तशद्दुद ये इसराईल की जानिब से कई दहाईयों से जारी वहशयाना नसली असबीयत का सिलसिला है”