मुस्लिम देशों से रोती-बिलकती मासूम फिलिस्तीनी बच्ची के दिल को चीर देने वाले सवाल
गाज़ा: 12 अगस्त
फिलिस्तीन पर वक्त का फराओन, ज़ायोनिस्ट इज़राइल, अत्याचार के पहाड़ तोड़ रहा है और वहाँ मानवता कराह रही है, जिसका प्रमाण रोज़ाना दुनिया देख रही है।
हालांकि फिलिस्तीन 76 साल से फिलिस्तीनियों पर उनकी अपनी ज़मीन तंग करते हुए अत्याचार के पहाड़ तोड़ रहा है, लेकिन पिछले साल 7 अक्टूबर से ज़ुल्म के खिलाफ शुरू की गई बर्बर कार्रवाई ने इतिहास की सभी ज़ुल्म की कहानियों को शर्मसार कर दिया है।
ज़ालिम इज़राइल अब तक 40 हजार से अधिक निहत्थे फिलिस्तीनियों की जान ले चुका है और शहीदों में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, जबकि गाज़ा पूरी तरह से मलबे का ढेर बन चुका है और हजारों लोग घायल और लापता हैं।
इज़राइल ने अपनी बर्बरता में बम बरसाते हुए न तो स्कूल की परवाह की, न अस्पताल की, और न ही शरणार्थी कैंप सुरक्षित रहे। आज ज़ख्मों से चूर हजारों फिलिस्तीनी बच्चे यतीम होकर दुनिया, विशेषकर मुस्लिम देशों से, शिकायती हैं।
ऐसा ही एक दिल को चीर देने वाला संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जो युद्धग्रस्त गाज़ा से एक मासूम फिलिस्तीनी बच्ची ने दुनिया को दिया है। दुखी और बिलखती हुई मासूम बच्ची का यह शिकायती संदेश मुस्लिम दुनिया की आंखें खोलने और ज़मीर को जगाने के लिए काफी है, लेकिन उम्मीदें फिर भी धराशायी होती नजर आ रही हैं।
फिलिस्तीनी मीडिया द्वारा जारी की गई इस वीडियो में बच्ची ने रोते हुए दुनिया को संबोधित करते हुए कहा है कि इस दुनिया और आख़िरत में कहीं भी आपको माफ नहीं करूंगी। बच्ची ने अरब देशों को संबोधित करते हुए पूछा कि क्या अरब देश हमें देख रहे हैं? क्या उन्हें हमारी मुश्किलें देखकर सुकून मिलता है?