ग़ज़ा की 10 फ़ीसद आबादी शहीद ज़ख़मी या लापता हो गई है यूरो मेड का चौंका देने वाला इन्किशाफ़
ग़ज़ा 26؍ जुलाई । (यूरो मेड : इन्सानी हुक़ूक़ के लिए काम करने वाले इदारे यूरो मेडीटेरीन हियूमन राईट्स मॉनीटर ने जुमेरात को एक बयान में चौंका देने वाला इन्किशाफ़ किया है कि पिछले साल 7؍ अक्टूबर से इसराईल की तरफ़ से ग़ज़ा पर मुसल्लत करदा जंग के नतीजा में ग़ज़ा की 10 फ़ीसद आबादी शहीद ज़ख़मी या लापता हो गई है
यूरो मेड की इबतिदाई तहक़ीक़ के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ तक़रीबन 50,000 फ़लस्तीनी शहीद हो गए या तबाह शूदा इमारतों के मलबे तले दब कर लापता होने की इत्तिला है या उनकी नाशें अभी तक सड़कों पर या सरहदी इलाक़ों में पड़ी हैं या मुकम्मल तौर पर तबाह हो चुकी हैं और मलबा तले दबी होने की वजहा से निकाली नहीं जा सकी हैं। जब कि तक़रीबन 100,000 से ज़्यादा दीगर ज़ख़मी हुए हैं। इन मुतास्सिर होने वाले आम शहरीयों में ज़्यादा तादाद बच्चों और ख़वातीन की है जबकि ग़ज़ा की पट्टी से अग़वा और गिरफ़्तार किए जाने के बाद तक़रीबन 3000 फ़लस्तीनी लापता हो गए हैं और उनका कोई अतापता नहीं चल सका है। उनके साथ किया मुआमला हुआ उस की कोई ख़बर नहीं है
याद रहे कि ग़ज़ा की पट्टी पर घरों स्कूलों तालीमी इदारों मसाजिद हॉस्पिटलों समेत तबाह शूदा सड़कों का लाखों टन मलबा भी ग़ज़ा में जगह जगह फैला हुआ है जिसे उठाने के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा कह चुका है कि कई साल लग जाऐंगे
यूरो मेड के मुताबिक़ ये आदाद-ओ-शुमार उस के कारकुन ग़ज़ा के महलों और कैम्पों से जमा किए हैं जहां वो किसी तरह पहुंचने में कामयाब हो गए थे
ये आदाद-ओ-शुमार मुतअद्दिद हॉस्पिटलों और तिब्बी टीमों समेत मुताल्लिक़ा हुक्काम और इदारों से मौसूल होने वाली मालूमात पर मबनी हैं
रिपोर्ट में कहा गया है कि मजमूई तौर पर 51 हज़ार फ़लस्तीनी शहीद किए गए हैं जो सारे के सारे ज़ेर मुहासिरा ग़ज़ा की पट्टी पर हुए हैं। जिन्हें बमबारी से मारा गया या अदवियात और ईलाज की अदम फ़राहमी के ज़रीया शहीद किया गया
इसराईली नाका बंदी तिब्बी इमदाद की अदम फ़राहमी टार्गेट कुलंग की वजहा से सेहत के शोबा की तबाही एम्बूलैंस सरवेस की अदम फ़राहमी बुनियादी अदवियात की शदीद क़िल्लत खासतौर पर दाइमी बीमारीयों और कैंसर के मर्ज़ों के लिए ईलाज के लिए बैरून-ए-मुल्क सफ़र की अदम सहूलत मुतअद्दी अमराज़ और वबाई अमराज़ का फैलाओ भी इन शहादतों की वजूहात में शामिल है
रिपोर्ट में मज़ीद कहा गया है कि इसराईली बमबारी के नतीजा में हॉस्पिटल्स मुकम्मल तौर पर तबाह हो चुके हैं । तिब्बी सामान और आलात की कमी हॉस्पिटलों में बिस्तरों का ना होना इसराईली फ़ौज की मुनज़्ज़म और वसीअ पैमाने पर तबाही का मुँह बोलता सबूत है। नीज़ ज़ख़मीयों की तादाद में रोज़ाना की बुनियाद पर इज़ाफ़ा हो रहा है और तिब्बी सहूलयात ना होने की वजहा से सेहत की संगीन सूरत-ए-हाल पैदा हो गई है। जिसके सबब अम्वात हो रही हैं
यूरो मेड ने इसराईल पर दबाओ डाला है कि वो ग़ज़ा की पट्टी में पानी और सफ़ाई सुथराई के बुनियादी ढाँचे को चलाने के लिए ईंधन फ़राहम करे और ग़ज़ा से से गुज़रने वाली पाइपलाइन की मुरम्मत के लिए तकनीकी माहिरीन की हिफ़ाज़त की ज़मानत दे