आस्मानी बिजली सिर्फ मक्का क्लॉक टावर के हिलाल से ही क्यों टकराती है?
मक्का – 23 अगस्त
सऊदी अरब के शहर मक्का मुक़र्रमा में बैतुल्लाह शरीफ के ठीक सामने एक मक्का क्लॉक टावर के नाम से मशहूर खूबसूरत फ़लक-बोस इमारत अबराज अल-बैत वाक़्य है।
बारिश के मौसम में अक्सर इस क्लॉक टावर पर आस्मानी बिजली गिरने के हैरानकुन मंजर देखने को मिलते हैं, जिनकी तस्वीरें और वीडियोज़ सोशल मीडिया की ज़ीनत बनती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली तस्वीरें और वीडियोज़ में मक्का क्लॉक टावर के हिलाल से टकराने वाले खूबसूरत और दिलकश मंजर देखने वाले को अपने सहर में जकड़ लेते हैं।
हालांकि क्या आपने कभी सोचा है कि आस्मानी बिजली सिर्फ मक्का क्लॉक टावर के हिलाल से ही क्यों टकराती है?
आस्मानी बिजली सिर्फ दुनिया की सबसे ऊँची इमारतों में से एक मक्का क्लॉक टावर के ऊपर मौजूद हिलाल से ही टकराती है क्योंकि मक्का क्लॉक टावर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह आस्मानी बिजली से सुरक्षित रहे।
इसमें 800 फिक्स्ड राड्स लगी हुई हैं, जो घड़ी और टावर की रोशनियों को आस्मानी बिजली से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं, इसके अलावा टावर में और भी 20 राड्स ऐसी हैं जो आस्मानी बिजली गिरने की सूरत में खुदकार सिस्टम के तहत काम करती हैं और इसे सुरक्षित रखती हैं।
क्लॉक टावर की छत पर एक लंबी राड भी लगी हुई है जो आस्मानी बिजली को मैग्नेट की तरह अपनी तरफ खींचती है और इसे सुरक्षित तरीके से ज़मीन में ले जाती है, यह काम खास धातुओं जैसे तांबा और एल्यूमीनियम के इस्तेमाल से संभव बनाया गया है ताकि इस बात को यकीनी बनाया जा सके कि आस्मानी बिजली से इस इमारत को नुकसान न पहुंचे।
यहाँ यह भी साफ रहे कि पिछले 2 दिनों से बैतुल्लाह और आस-पास में गरज-चमक के साथ बारिश का सिलसिला जारी है, जिसकी तस्वीरें और वीडियोज़ इस समय सोशल मीडिया की ज़ीनत बनी हुई हैं।